Tuesday, January 18, 2011

" नाम तुम्हारा "

"जब भी  लिखने की कोशिश करता हूँ कुछ और,
पता नहीं कैसे नाम तुम्हारा लिख जाता है !
यह कैसा अहसास है तुम्हारे प्यार का ,
मैं पता नहीं कैसे  अपना आपा ही भूल जाता हूँ !!"

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