Monday, January 17, 2011

" कुछ विशिष्ट आकर्षक कलाकृतियाँ "



" कितना अच्छा लगता है न जब हम किसी बगीचे में जातें हैं और वहां तरह -तरह के रंग -बिरंगे फूलों की सुन्दरता , महक मन खुश कर देती है ! ऐसे ही जब हम किसी समुन्द्र किनारे या झरने के पास जातें हैं तो मन में ख़ुशी की तरंगे हिलोर मारतीं हैं ! वैसे ही कलाकार का मन होता है ऐसीं जगहें और सुन्दर दिखें ..! तो बस ऐसे ही कुछ कलाकारों ने अपनी कल्पना को साकार रूप दे ऐसी ही कुछ जगहों पर रख दिया ! अब जो भी उन्हें देखता है उन्हें अच्छा लगता है ! तो अब आप भी ऐसी किसी जगह जाएँ तो थोडा अपनी आखों को कष्ट देतें हुए ऐसी किसी कलाकृति को खोजिएगा , यदि खोज लिया तो आपकी आँखों का कष्ट आनंद में बदल जायेगा न ..!! और कितना अच्छा हो जब हम अपने नागरिक कर्तव्य का पालन करते हुए अपने शहर के सुन्दर स्थलों पर भी ऐसी किसी कल्पना को साकार रूप देने का सुझाव प्रशासन को दें! ता कि ऐसे ही कलाकार की कल्पना साकार रूप ले कर हमारे शहर की सुन्दरता में 'चार चाँद ' लगा दे ..! "
            
 साथ ही कितना अच्छा लगेगा जब हम जहाँ भी ऐसी कलाकृतियाँ देखें प्रयास करें कि वहां के प्रशासन की ' विजिटर बुक ' में अपनी भावनाएं लिखें और उस कलाकृति को बनाने वाले कलाकार की प्रशंसा भी लिखे ! इससे होगा यह कि वहां का प्रशासन तो प्रसन्न होगा ही साथ ही कलाकार भी अपने आप के उत्साहित महसूस करेगा ! वैसे भी नागरिक होने के नाते या पर्यटक होने के नाते हमारा यह कर्तव्य भी बनता है न ! कि हम किसी भी अच्छी रचना की प्रशंसा करें ! क्यों कि कोई हमारी प्रशंसा करता है तो हमे अच्छा लगता है न ..!


 वैसे ही जब हम किसी की प्रशंसा करेंगे तो उसे अच्छा लगेगा न और वह और भी उत्साहित हो कर अपनी कल्पना को ऊँची उड़ान देगा न ! कलाकार की कल्पना की उड़ान जितनी ऊँची होगी उसकी रचना उतनी आकर्षक होगी ! और उस आकर्षक कलाकृति को देख कर हमारे मन को ख़ुशी होगी न ! और हम मन की ख़ुशी पाने के लिए या महसूस करने के लिए ही तो सुन्दर स्थलों पर जातें है..! "


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