" मैं चाहता हूँ कोई मुझे भी प्यार करे ,
कोई मेरा भी अपने दिल में ख्याल करे !
पर कोई चाहता नहीं हमे हम क्या करें ,
क्या यूँही अपने दिल को बहलाया करें !!
रश्क सा होता है उन पर जो प्यार करतें है ,
कि क्यों उनकी बस्ती के बाशिंदे नहीं हो पातें है !
क्या -क्या बयां करें अपने दिल के जख्म ,
यूँही हसं कर उन जख्मों पे मलहम लगा लेतें है !!"
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