Sunday, January 16, 2011

" लकड़ी पर साकार कलाकारों की कल्पना "


 " कलाकार की कल्पना की कोई सीमा नहीं होती . वो तो केवल अपनी कल्पनाओं को साकार रूप देता जाता है ! माध्यम चाहे कोई भी हो !! इससे उसे कोई फर्क नहीं पड़ता !! हाँ जब हम उसकी साकार कल्पनाओं को देखतें हैं तो हमारे पास शब्द नहीं होते न अपने मन की भावनाओं को व्यक्त करने के लिए ..!! अपने इस ब्लाग  में मैंने लकड़ी पर कलाकारों की साकार कल्पना को एकत्र किया है ! जब से हमारी यह प्यारी सी दुनियां बनी है तब से पेड़ हमारी इस दुनियां में हैं ! इन पेड़ों ने मानव को उनकी सुख - सुविधा के साधनों को बनाने में अपना अस्तित्व प्रदान किया है ! मानव ने इसी पेड़ की लकड़ी को अपनी कल्पनाओं को साकार रूप देने भी उपयोग किया है ! जिसमे वो सदियों से सफल भी रहा है और होता भी रहेंगा ! बदलते समय के अनुसार मानव मन की कल्पनाओं का स्वरुप भी बदलता है और बदलतीं रहती है उसे व्यक्त करने की कला भी ! ऐसे ही कुछ अलग -सी कल्पनाओं को,  जिन्हें कलाकारों ने लकड़ी पर साकार किया है , मैंने एकत्रित किया और प्रस्तुत है आपके सामने ! आशा है आपको पसंद आयेंगीं !!"



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