I am simple person, having good confidence to myself, helping nature , happiness mood,solve all problems by smiling and using simple commonsense..maintain positive environment around myself... "Always dreaming is make path of success in life . Dreaming give shape to our thinking , and thinking solve many of problems of our way of success." bhartiamanu@gmail.com
Thursday, January 27, 2011
Sunday, January 23, 2011
Thursday, January 20, 2011
" दिल के जख्म "
" मैं चाहता हूँ कोई मुझे भी प्यार करे ,
कोई मेरा भी अपने दिल में ख्याल करे !
पर कोई चाहता नहीं हमे हम क्या करें ,
क्या यूँही अपने दिल को बहलाया करें !!
रश्क सा होता है उन पर जो प्यार करतें है ,
कि क्यों उनकी बस्ती के बाशिंदे नहीं हो पातें है !
क्या -क्या बयां करें अपने दिल के जख्म ,
यूँही हसं कर उन जख्मों पे मलहम लगा लेतें है !!"
Tuesday, January 18, 2011
" नाम तुम्हारा "
"जब भी लिखने की कोशिश करता हूँ कुछ और,
पता नहीं कैसे नाम तुम्हारा लिख जाता है !
यह कैसा अहसास है तुम्हारे प्यार का ,
मैं पता नहीं कैसे अपना आपा ही भूल जाता हूँ !!"
पता नहीं कैसे नाम तुम्हारा लिख जाता है !
यह कैसा अहसास है तुम्हारे प्यार का ,
मैं पता नहीं कैसे अपना आपा ही भूल जाता हूँ !!"
Monday, January 17, 2011
" कुछ विशिष्ट आकर्षक कलाकृतियाँ "
" कितना अच्छा लगता है न जब हम किसी बगीचे में जातें हैं और वहां तरह -तरह के रंग -बिरंगे फूलों की सुन्दरता , महक मन खुश कर देती है ! ऐसे ही जब हम किसी समुन्द्र किनारे या झरने के पास जातें हैं तो मन में ख़ुशी की तरंगे हिलोर मारतीं हैं ! वैसे ही कलाकार का मन होता है ऐसीं जगहें और सुन्दर दिखें ..! तो बस ऐसे ही कुछ कलाकारों ने अपनी कल्पना को साकार रूप दे ऐसी ही कुछ जगहों पर रख दिया ! अब जो भी उन्हें देखता है उन्हें अच्छा लगता है ! तो अब आप भी ऐसी किसी जगह जाएँ तो थोडा अपनी आखों को कष्ट देतें हुए ऐसी किसी कलाकृति को खोजिएगा , यदि खोज लिया तो आपकी आँखों का कष्ट आनंद में बदल जायेगा न ..!! और कितना अच्छा हो जब हम अपने नागरिक कर्तव्य का पालन करते हुए अपने शहर के सुन्दर स्थलों पर भी ऐसी किसी कल्पना को साकार रूप देने का सुझाव प्रशासन को दें! ता कि ऐसे ही कलाकार की कल्पना साकार रूप ले कर हमारे शहर की सुन्दरता में 'चार चाँद ' लगा दे ..! "
साथ ही कितना अच्छा लगेगा जब हम जहाँ भी ऐसी कलाकृतियाँ देखें प्रयास करें कि वहां के प्रशासन की ' विजिटर बुक ' में अपनी भावनाएं लिखें और उस कलाकृति को बनाने वाले कलाकार की प्रशंसा भी लिखे ! इससे होगा यह कि वहां का प्रशासन तो प्रसन्न होगा ही साथ ही कलाकार भी अपने आप के उत्साहित महसूस करेगा ! वैसे भी नागरिक होने के नाते या पर्यटक होने के नाते हमारा यह कर्तव्य भी बनता है न ! कि हम किसी भी अच्छी रचना की प्रशंसा करें ! क्यों कि कोई हमारी प्रशंसा करता है तो हमे अच्छा लगता है न ..!
वैसे ही जब हम किसी की प्रशंसा करेंगे तो उसे अच्छा लगेगा न और वह और भी उत्साहित हो कर अपनी कल्पना को ऊँची उड़ान देगा न ! कलाकार की कल्पना की उड़ान जितनी ऊँची होगी उसकी रचना उतनी आकर्षक होगी ! और उस आकर्षक कलाकृति को देख कर हमारे मन को ख़ुशी होगी न ! और हम मन की ख़ुशी पाने के लिए या महसूस करने के लिए ही तो सुन्दर स्थलों पर जातें है..! "
Sunday, January 16, 2011
" लकड़ी पर साकार कलाकारों की कल्पना "
" कलाकार की कल्पना की कोई सीमा नहीं होती . वो तो केवल अपनी कल्पनाओं को साकार रूप देता जाता है ! माध्यम चाहे कोई भी हो !! इससे उसे कोई फर्क नहीं पड़ता !! हाँ जब हम उसकी साकार कल्पनाओं को देखतें हैं तो हमारे पास शब्द नहीं होते न अपने मन की भावनाओं को व्यक्त करने के लिए ..!! अपने इस ब्लाग में मैंने लकड़ी पर कलाकारों की साकार कल्पना को एकत्र किया है ! जब से हमारी यह प्यारी सी दुनियां बनी है तब से पेड़ हमारी इस दुनियां में हैं ! इन पेड़ों ने मानव को उनकी सुख - सुविधा के साधनों को बनाने में अपना अस्तित्व प्रदान किया है ! मानव ने इसी पेड़ की लकड़ी को अपनी कल्पनाओं को साकार रूप देने भी उपयोग किया है ! जिसमे वो सदियों से सफल भी रहा है और होता भी रहेंगा ! बदलते समय के अनुसार मानव मन की कल्पनाओं का स्वरुप भी बदलता है और बदलतीं रहती है उसे व्यक्त करने की कला भी ! ऐसे ही कुछ अलग -सी कल्पनाओं को, जिन्हें कलाकारों ने लकड़ी पर साकार किया है , मैंने एकत्रित किया और प्रस्तुत है आपके सामने ! आशा है आपको पसंद आयेंगीं !!"
" बर्फ से बनी कुछ कलाकृतियाँ "
" कल्पना की उडान की सीमा नहीं होती , वह समय , काल और माध्यमों से नहीं बांधी जा सकती ! न ही किसी देश की सीमा ही उसे बांध सकती है ! कलाकार की कल्पना , फूलों की खुशबू , पंछियों की उडान , प्रकृति का सौंदर्य , लहराते सागर की लहरें ...हमेशा मन को अच्छी लगतीं है न ..! बस इसी कड़ी में मेरे इस संग्रह में " चीन में हर साल बर्फ से कलाकार अपनी कल्पना को आकार देतें हैं , भले गर्मी आते - आते यह कलाकृतियाँ विलुप्त हो जातीं हैं पर उनकी कला जिन्दा रह जाती है ...हमेशा के लिए मानव मन में ! हाँ मानव मन अपने मन को अच्छी लगने वाली हर चीज को यादगार बना कर रखना चाहता है , और वो इसे या तो लिख कर , चित्र बना कर , या फोटो खींच कर अपने पास रख लेता है ! यह तरीका चिरंतन कल से चला आ रहा रहा है न ..! हमारे मन में भी कलाकार छुपा होता है पर हम अपने जीवन की आपा - धापी में उसे पहचान नहीं पाते ? और धीरे - धीरे वह धुंधली होती जाती है और जीवन नीरस होने लगता है ? मन को बचाना चाहिए न ऐसे नीरसपन से ..! अब कोई जरूरी नहीं कि हम कलाकार नहीं हैं , अगर हमे जो अच्छा लगता है उसे या तो हम लिख ले , या फोटो खींच ले अगर यह नहीं कर सकते तो जिसने लिखने या फोटो खीच कर कलाकृतियों को जीवित रखा है , उसे संगृहीत कर लें ! इसी से मन प्रसन्न रहता है और नीरसपन से दूर रहता है ! प्रस्तुत हैं बर्फ से बनाई कुछ कलाकृतियों की तस्वीरें ..!!!"
" नई राह "
"सूर्य किरण जल बूंद के प्यार से ,
इन्द्रधनुष बन जाती है !
खिलती पुष्प कलियों की महक से ,
हवाएं बहक राह भटक जातीं हैं !!
मचलती जलधाराएँ चट्टानों के प्यार से ,
निर्झर बन धुंध -कोहरे में बदल जातीं हैं !!
किसी के समर्पित प्यार से ,
भावनाएं जीवन को नई राह दिखा देतीं हैं !!"
इन्द्रधनुष बन जाती है !
खिलती पुष्प कलियों की महक से ,
हवाएं बहक राह भटक जातीं हैं !!
मचलती जलधाराएँ चट्टानों के प्यार से ,
निर्झर बन धुंध -कोहरे में बदल जातीं हैं !!
किसी के समर्पित प्यार से ,
भावनाएं जीवन को नई राह दिखा देतीं हैं !!"
Friday, January 14, 2011
" पलभर की ख़ुशी "
जिंदगी का सुनहरा साज़ है हम !
दूसरों को ख़ुशी देने की कोशिश करते हैं ,
और खुद पलभर की ख़ुशी के मोहताज़ हैं हम !!"
Thursday, January 13, 2011
" उनके सिवा "
" मोहब्बत वफ़ा के सिवा कुछ भी नहीं ,
दुनियां में गम के सिवा कुछ भी नहीं !
उनके पास हमारे सिवा सब कुछ है ,
पर हमारे पास उनके सिवा कुछ भी नहीं !!"
Tuesday, January 11, 2011
" प्यार का अहसास "
कहतें है- "प्यार के अहसास को जिसने समझ लिया उसने इस दुनिया की आत्मा का दीदार कर लिया !" सच भी है न हमारे दिल में प्यार है तो कोई भी कम कठिन नहीं होता ! हमारी सोच भी सकारात्मक बनी रहती है ! मन भी खुश - खुश रहता है ! हर चीज अच्छी लगती है , हर काम में मन लगता है ! मगर आजकल प्यार का मतलब लोग इस बात को ले कर लगातें है कि ' हम किसी से प्यार करतें है !' जबकि प्यार का मतलब केवल इससे पूरा नहीं होता न ! प्यार का मतलब है कि हम अपने आप से प्यार करें , अपने आप से प्यार करने से मन खुश रहता है ! अपनी वाणी में प्यारे - प्यारे शब्दों का इस्तेमाल करें ! सबके साथ प्यार भरा व्यवहार करें ! अर्थात जब भी हम किसी से बातें करें उसमे अपशब्द न हों ...कोई ऐसे शब्द न हों जिससे सुनने वाले के मन को कोई ठेस पहुंचे !
अगर हम प्यार के इस मतलब को समझ जायेंगें तो हमे हर चीज अच्छी लगेगी और हमसे सब खुश रहा करेंगे ! शायद हर कोई चाहता है न कि सब उससे खुश रहें ...उनसे प्यार करें ..! है न ! तो फिर शुरू करें प्यार के इस स्वरुप को शामिल करने की कोशिश अपने व्यक्तित्व में ...!!!
" - ... मनु "
अगर हम प्यार के इस मतलब को समझ जायेंगें तो हमे हर चीज अच्छी लगेगी और हमसे सब खुश रहा करेंगे ! शायद हर कोई चाहता है न कि सब उससे खुश रहें ...उनसे प्यार करें ..! है न ! तो फिर शुरू करें प्यार के इस स्वरुप को शामिल करने की कोशिश अपने व्यक्तित्व में ...!!!
" - ... मनु "
छोटी - छोटी बातें ..!
" छोटी - छोटी बातें बन जाती हैं
यादें खूबसूरत जीवन की !
जिन्हें हम चाहें या न चाहें ,
याद रह जातीं है बातें उनकी !
चलो हम भी कुछ ऐसा करें ,
" - ... मनु "
यादें खूबसूरत जीवन की !
जिन्हें हम चाहें या न चाहें ,
याद रह जातीं है बातें उनकी !
बीती बातें पृष्ठभूमि बनातीं हैं,
जीवन में वर्तमान सुन्दर छवि !
चलो हम भी कुछ ऐसा करें ,
कि बस जाएँ यादों में सबकी !!"
" - ... मनु "
" कितना चाहतें है ..!!"
मत दो ध्यान कि लोग क्या करतें हैं !
साथ न देना तो बेदिलों की आदत है ,
सोचो हम सबको दिलसे कितना चाहतें है!! "
"- ... मनु "
" मुस्कुरा लेना "
" जब भी मन उदास हो मन में झांक लेना ,
जब कोई दिल दुखा दे तो मुस्कुरा लेना !
जब कोई साथ न दे तो अकेला चलना ,
जिंदगी ऐसे ही हँसते मुस्कुराते जी लेना !!"
" - ... मनु "
जब कोई साथ न दे तो अकेला चलना ,
जिंदगी ऐसे ही हँसते मुस्कुराते जी लेना !!"
" - ... मनु "
Wednesday, January 5, 2011
आओ ..! कुछ अच्छा सोचें ..!!
वैसे यह सच है न कि हम जैसा सोचतें हैं , उसका असर हमारे कर्म पर जरूर पड़ता है ! यही असर हमारी कार्यक्षमता को भी प्रभावित करता है ! शायद इसीलिए हमारे बुजुर्ग कह गएँ हैं - " अच्छा सोचो , अच्छा खाओ और अच्छे कर्म करो तो न केवल जीवन आनंद भरा होगा साथ ही मन भी खुश रहेगा और सामान्य रहेगा !" अब क्या है न हम सब जानतें है पर उस पर अमल करने की सोचते नहीं है ? और जब कुछ ऐसा हो जाता है जो हम नहीं चाहते तब याद आता है कि " काश उस समय इन बातों पर अमल किया होता तो यह सब नहीं देखना पड़ता जो अब देख रहे हैं !" है न सही बात और हाँ यह समय हर किसी के जीवन में जरूर आता है ..! फर्क केवल इतना होता है कि कुछ इससे सबक ले कर आगे का समय अच्छा बना लेतें हैं और कुछ इसे नजर अंदाज कर जाते हैं ! यह तो हम पर निर्भर है न कि हम खुद फैसला करें, पर हाँ हमारे फैसले किस आधार पर हों ? उनका स्वरुप कैसा हो ? उनका क्या परिणाम होगा ? उसका हमारी कार्यक्षमता , व्यक्तित्व और हमारे आस - पास के वातावरण पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? इस पर पूरी तरह विचार कर लेना चाहिए ! तब कोई भी ऐसा फैसला करना चाहिए जो अत्यंत महत्वपूर्ण हो ! यदि हम ऐसा नहीं करते तो न केवल हम बल्कि हमारे आस - पास का वातावरण भी प्रभावित होगा न ..! क्या हम ऐसा चाहेंगे ..? नहीं न फिर सामान्य - सी बात है ..कि - " हम जो भी काम करें उसे पूरे मन से करें, अपनी पूरी कार्यक्षमता , लगन , विश्वास, और उद्देश्यपूर्ण ढंग से करें ! " तब न केवल हम अपने कार्य में सफल तो होंगे ही साथ ही सबकी प्रशंसा का पात्र भी बन जायेंगे ...! सच है न ..!!तो फिर ऐसा करके हम भी अपना जीवन खुशनुमा बनाने के बारे में सोचे और प्रयास शुरू करें ...!!!
"- ... मनु "
"- ... मनु "
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