" आनंद - उन्मांद सा मचलता ,
कल्पना तूलिका सा ,
युवामन -
चतुर चित्रकार सामान है !
संघर्ष में तल्लीन ,
वर्तमान में भविष्य तराशता ,
युवामन -
सूत्रधार सामान है !!
असफलताओं के झंझावात में ,
शीतलता निर्मित करता ,
युवामन -
ऋतुराज समान है !!!
अन्वेषक औत्सुक सा ,
इतिहास के खालीपन में ,
वर्तमान के रंग भरता ,
युवामन -
गर्वित इतिहासकार समान है !!!! "
"...- मनु "
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