Tuesday, November 16, 2010

" दोस्त "

" दूर कहीं -
धरती और आसमां मिलते हैं !
इस ज़माने में -
सच्चे दोस्त मुश्किल से मिलते हैं !
दगा को -
पाक जामा पहनाये मिलते हैं !
तो कही पे -
जान देने वाले भी मिलते हैं !
इन्सान की भावनाओं से -
खेलने वाले भी मिलते हैं !
तो कहीं -
भावनाओं में बसने वाले भी मिलते हैं !
पल -भर को -
साथ देने वाले मिलते हैं !
तो कहीं -
उम्र भर साथ निभाहने वाले भी मिलते हैं !
भगवान तो -
मंदिरों ,मस्जिदों , गिरजाघरों में मिलतें हैं !
दोस्त कहने नहीं -
निबाहने वाले मुश्किल से मिलते हैं !!"
" -- मनु
"

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