Tuesday, November 16, 2010

" जी चाहता है ...!"

" गहरी झील -सी पनीली ,
आँखे तुम्हारी ऐसी नशीली -
कि उनमे डूब जाने को जी चाहता है !

जीवन की मुस्कान -सी मुस्काती ,
आँखे तुम्हारी ऐसी अपनत्वभरी -
कि अपना जीवन महकाने को जी करता है !

प्यार की गहराई व्यक्त करती ,
आँखे तुम्हारी ऐसी दिल -दर्पण सी -
कि उनमे अपना प्रतिबिम्ब देखने को जी करता है !


पल
- पल मुझे अपने करीब करती ,
आँखे तुम्हारी ऐसी सम्मोहन सी -
कि सब कुछ भूल जाने को जी करता है !"

" -- मनु "

No comments:

Post a Comment