Tuesday, December 7, 2010

" डाली "

" सुबह की पहली -
किरण के आंचल में ,
पुष्पों का सौन्दर्य -
अद्वितीय हो उठता है !

घटाओं की प्यारी सी -
भीगती नन्ही -नन्ही बूंदों में ,
डाली के प्यार से -
पुष्प खिल उठता है !

जीवन में किसी के -
प्यार भरे आँचल में ,
दिल का चमन -
खुशियों से महक उठता है !"


" - ... मनु "

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