" जीवन भी कितना अजीब होता है न ...! समझ में नहीं आता हम जीवन जीतें हैं या जीवन हमे जीता है ..? कभी - कभी हमे लगता है कि हम जीवन को जीना जानतें है ? पर कभी लगता है न कि हम जीवन को समझ ही नहीं पाए ? साथ ही कुछ रिश्ते ऐसे भी होतें है न ...जिन्हें हम समझ नहीं पाते और कहते है न कि काश ...हमे भी मिल जाती खुशियाँ ..जैसे अन्य को मिलतीं है ? अब यदि हम कुछ रिश्तों को बनाने में कुछेक सामान्य बातों को ध्यान में रखें तो निश्चित रूप से हम भी वह खुशियाँ पा सकतें है, जिन्हें हम अपने मन में सोचतें हैं !
' दोस्ती ' हमारे जीवन में भी एक अच्छा दोस्त हो या अनेक हों , हम यही सोचतें है न ...! तो अगर हम दोस्ती करने से पहले या दोस्ती करने पर कुछ बातों को अपने मन में रखें और उनका पालन करें तो हमे भी अच्छे दोस्त मिलेंगे - " दोस्ती हरदम एक मीठी जिम्मेदारी होती है , न कि लाभ पाने का एक सुनहरा अवसर ! ' आस्था दिल की गहराइयों में समाया हुआ ज्ञान होतीं है , सबूतों की पहुँच से परे ..! " बस इनको मन में बसा कर रखें और इनके अर्थ को अपनी दोस्ती में पिरो ले तो हम भी कह उठेंगे न कि -हमारे पास भी अच्छे दोस्त हैं !
" प्यार " , हमारे जीवन में एक ऐसा पल भी आता है न जब हम किसी से प्यार करने लगतें हैं ! पर कभी - कभी कुछ ऐसा भी हो जाता है कि हम स्वयं ही कह उठतें हैं कि काश हमे भी प्यार की खुशियाँ मिल गईं होतीं ? अब यदि हमने प्यार करते समय अपने मन में इन बातों को रखा होता या पालन किया होता तो हम यह शब्द नहीं कह रहे होते न ..! "प्यार तब तक अपनी गहराई नहीं जानता, जब तक कि अलगाव की घडी न आ जाये ! " ," किसी से प्यार करो , पर प्यार को बंधन न बनाओ ! आत्मा की लहरों के बीच प्यार के समुन्दर को बहने देना चाहिए ! ' ,' जब हम किसी से प्यार करतें हैं और वह जाना चाहे तो उसे जाने देना चाहिए ! यदि वह वापस आये , तो वह हमेशा हमारा ही रहता है ! यदि वापस न आये तो मन लेना चाहिए कि वह कभी हमारा था ही नहीं ! " अगर हम इन बातों को मन में रखेंगे न तो हमे भी प्यार कि खुशियाँ मिलेंगी , यदि किसी कारण न भी मिली तो हमारे मन को कोई ठेस भी नहीं लगेगी न ..!
बस इतनी सी बातें होतीं है न जिन्हें हम अपने मन में रखें और उन पर अमल भी करें तो न केवल मन खुश रहेगा बल्कि कुछ अनहोनी होने पर मन विचलित भी नहीं हो पायेगा न ..!
" - ... मनु "
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