" याद तो याद है याद को क्या कहिएगा !
भूलने की कोशिशें और ताजगी दे जाएँ तो क्या कहिएगा !!
है बात कुछ भी नहीं इतना वो भी समझतें हैं !
बदल रहें हैं लोग ज़माने को क्या कहिएगा !
हर शख्स है पहेली किस -किस की मिसाल दूँ !
खुद को ही ले लीजिये भला आप क्या कहिएगा !!
दस्तक - ऐ - इंतजार में क्यूँ बैठे हो !
जब वो आ जाये तो क्या कहिएगा !!
ख़त्म न होगी मेरी दास्ताँ चन्द लव्जों में !
अब चलतें हैं हम फिर कभी मिलिएगा !! "
" - ... मनु "
No comments:
Post a Comment