Saturday, December 4, 2010

" याद "

" याद तो याद है याद को क्या कहिएगा !
भूलने की कोशिशें और ताजगी दे जाएँ तो क्या कहिएगा !!

है बात कुछ भी नहीं इतना वो भी समझतें हैं !
बदल रहें हैं लोग ज़माने को क्या कहिएगा !

हर शख्स है पहेली किस -किस की मिसाल दूँ !
खुद को ही ले लीजिये भला आप क्या कहिएगा !!


दस्तक - ऐ - इंतजार में क्यूँ बैठे हो !
जब वो आ जाये तो क्या कहिएगा !!

ख़त्म न होगी मेरी दास्ताँ चन्द लव्जों में !
अब चलतें हैं हम फिर कभी मिलिएगा !! "

" - ... मनु "

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