Monday, December 6, 2010

" जीवनास्तित्व "

" क्षितिज सी अनंतता लिए ,

   एक लम्बी सी पगडण्डी ,
 
वीरान उदास सी -
  विभिन्नता सामान जिंदगी है !



सफलता , उम्मीद , प्रतीक्षा ,
यह कुछ रूप ,
अनेक स्वरूपोस्तित्व परिपूर्ण -
रेगिस्तान में मृगतृष्णा सी जिंदगी है !


संबंधों की डोर में ,
अजीब से उलझावपन में ,
संघर्ष , कोशिश , हिम्मत से -
स्वयं को सुलझाती सी जिंदगी है !


क्षणिक से समयांतराल में ,
अपने विशालास्तित्व पूर्णता से ,
बचपन , जवानी , बुढ़ापे से -
शनै - शनै गुजरती सी जिंदगी है ! "


" - ... मनु "

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