Saturday, December 11, 2010

" भरोसेमंद सहयोगी का साथ सफलता का सूत्र "

"भरोसेमंद सहयोगियों की तलाश मुश्किल नहीं होती !मुश्किल होता है तो उसका विश्वासपात्र होना !! सहयोगी अगर विश्वसनीय है , तो व्यापक सफलता के साथ मुश्किल कम भी आसान हो जातें हैं !!! हम कोई भी काम करें - चाहे वह व्यापार हो , घर में कोई मांगलिक कार्य हो , किसी भी तरह का धार्मिक आयोजन हो ...! इन सबकी सफलता का सूत्र केवल एक ही होता है और वह है - भरोसेमंद सहयोगियों का साथ होना ! यदि ऐसे सहयोगी साथ है तो कोई भी काम मुश्किल नहीं होता ! वह इतनी आसानी से हो जाता है , कि सहसा विश्वास नहीं होता ! यदि सहयोगी भरोसेमंद नहीं है , तो कोई भी सफल होता हुआ काम असफल भी हो जाता है ! फ़िल्मी दुनियां से शुरू करें , बहुत साल पहले - गीतकार शैलेन्द्र , संगीतकार शंकर जयकिशन , गायक मुकेश , नायक राजकपूर एक दूसरे के भरोसेमंद सहयोगी हुआ करते थे , देखिये उनकी फिल्मे - मेरा नाम जोकर , आग, आह , श्री चार सौ बीस , आवारा कितनी सफल रहीं साथ ही उनके गीत आज भी हम गुनगुनातें है न ..! व्यापार में देखें तो सहारा श्री को भरोसेमंद सहयोगी मिले तो साधारण बैंकिंग से आज एक महत्वपूर्ण नाम है न ...! परिवार में देखें तो पति -पत्नी के आपसी सहयोग से हम शिक्षित होतें हैं और अपने जीवन में स्थापित होतें है यदि उनमे सहयोग न हो तो ..? कहने का तात्पर्य इतना है है कि हम कोई भी काम करें , विश्वसनीय सहयोगी का साथ होना जरूरी है ! पर हाँ यहाँ एक बात महत्वपूर्ण है , कि हम अपने सहयोगी का विश्वास जीत पातें हैं या नहीं ? बस यही थोडा मुश्किल है ..!
अपने सहयोगी के विश्वास को जीतने के लिए सबसे पहले हमे उसके बारे में पूरी जानकारी , उसके स्वभाव , पारिवारिक पृष्ठ भूमि की जानकारी सहित उसकी कार्यक्षमता को भी देखना होता है ! यदि हम संतुष्ट हैं, तो उसके बाद हमे ज्यादा कुछ नहीं करना चाहिए ! बस उसे अपने काम के बारे में और भविष्य की योजनाओं की जानकारी देनी चाहिए और अपनी - अपनी स्वतंत्रता  , लगन और आत्मविश्वास से कार्य करना चाहिए ! हमारा व्यव्हार ऐसा होना चाहिए,  जिससे हमारे सहयोगी को ऐसा न लगे कि हम उसका गलत फायदा उठा रहें है !
अगर हम इतना कर पातें है न...तो सच मानिये हम कोई भी काम करेंगे न... उसमे सिर्फ और सिर्फ सफलता ही मिलेगी ! हाँ ! एक बात का और ध्यान रखना होगा न कि एक दूजे के जीवन के सुख - दुःख के पलों में एक दूजे का साथ दें ! बस इतना ही तो करना होता है , फिर सफलता कहाँ है  दूर ........सोचिये ..???
आज बस इतना ही -!"

" - ... मनु "

No comments:

Post a Comment