" फेस बुक "..है एक ऐसी अप्रतीम दुनिया -
जिसके आकाश में इतने रंग है कि -
" इन्द्रधनुष " के रंग भी कम पड़ जाएँ ..!
जिसकी बगिया में इतने पुष्प है कि -
" इस जहाँ " के पुष्प भी कम पड़ जाएँ ..!
जिसके दिलों में इतना प्यार है कि -
'सारे संबंधों" का प्यार भी कम पड़ जाये !
जिसके शब्दों में इतना अपनत्व है कि -
" व्यक्त " करने में शब्द भी कम पड़ जाएँ !!
जिसके आकाश में इतने रंग है कि -
" इन्द्रधनुष " के रंग भी कम पड़ जाएँ ..!
जिसकी बगिया में इतने पुष्प है कि -
" इस जहाँ " के पुष्प भी कम पड़ जाएँ ..!
जिसके दिलों में इतना प्यार है कि -
'सारे संबंधों" का प्यार भी कम पड़ जाये !
जिसके शब्दों में इतना अपनत्व है कि -
" व्यक्त " करने में शब्द भी कम पड़ जाएँ !!
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