"जाने क्यों बढ़ - सा जाता है ,
प्यार और भी ज्यादा !
ये जानते हुए कि -
तुम हो यादों में, पर साथ नहीं हो !
जाने क्यों मन महका - सा .
रहता है और भी ज्यादा !
ये जानते हुए कि -
महकती मुझमे, पर साथ नहीं हो !
जाने क्यों मुझमे हैं अहसास -
तुम्हारे, तुमसे ज्यादा !
ये जानते हुए कि -
तुम अहसासों में हो , पर साथ नहीं हो !"
प्यार और भी ज्यादा !
ये जानते हुए कि -
तुम हो यादों में, पर साथ नहीं हो !
जाने क्यों मन महका - सा .
रहता है और भी ज्यादा !
ये जानते हुए कि -
महकती मुझमे, पर साथ नहीं हो !
जाने क्यों मुझमे हैं अहसास -
तुम्हारे, तुमसे ज्यादा !
ये जानते हुए कि -
तुम अहसासों में हो , पर साथ नहीं हो !"
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