Thursday, March 17, 2011

मुस्कान तुम्हारी





" होती है जब मुस्कान तुम्हारे मुखड़े पर ,
भूल जाता हूँ मैं कभी दुखी रहता था !
महकती है जब मुस्कान तुम्हारे मुखड़े पर ,
भूल जाता हूँ मैं कभी असफल रहता था !

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