"बन कर रहना है मुझे महक बन कर ,
कोई भुलाना चाहे तो मैं याद आ जाऊं !
बन कर रहना है मुझे चाहत बन कर ,
कोई भुलाना चाहे तो मैं चाहना बन जाऊं !
बन कर रहना है मुझे शब्द बन कर ,
कोई भुलाना चाहे तो मैं काव्य बन जाऊं !
बन कर रहना है मुझे आइना बन कर ,
कोई भुलाना चाहे तो मैं तस्वीर बन जाऊं !
बन कर रहना है मुझे आसरा बन कर ,
कोई भुलाना चाहे तो मैं हकीकत बन जाऊं !"
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