Tuesday, March 15, 2011

पत्थरों पर सजीव कलाकारी



" कलाकार सही में इतनी प्रतिभा रखता है कि वो निर्जीव में भी जान डाल दे !" जितनी भी प्रशंसा की जाये लगता है कम ही की ..! कोई भी विशेषता यदि हममे है तो हमे अन्य से विशेष बना देती है न..! और इस विशेषता की जान होती है सरलता , सादगी ..! चाहे कलाकार हो या कवि वो केवल इस बात की कल्पना में रहता है कि उसकी कल्पना साकार कैसे हो ? इसमें वो डूबा रहता है और जब उसकी कल्पना साकार होती है , तो उसे इतनी मन की शांति मिलती है की उसे केवल वाही महसूस कर पाता है ! सच ऐसे कलाकारों को मन न केवल हम चाहतें है बल्कि मन ही मन ईश्वर से प्रार्थना भी करतें हैं न कि -ये कलाकार और भी अच्छी कल्पना करे और हमारे मन को ख़ुशी देता रहे .! ...सही है न ये ..तो देखिये इस संग्रह में ..कलाकार ने ' बेजान से छोटे -छोटे पत्थरों के टुकड़ों को अपनी कला से कितना सजीव कर दिया है !" ...उम्मीद है आप सबको पसंद आएगा ...!!!

No comments:

Post a Comment