Wednesday, March 2, 2011

" प्यार का साथी दर्द "

" एक बार सारी ' फीलिंग्स ' ने तय किया कि -
वे खेलेंगीं ' छुपा -छुपी ' का खेल !
' दर्द ' ने गिनती शुरू की और -
बाकि सारी ' फीलिंग्स ' छुप गईं !
' झूठ ' छुपा पेड़ के पीछे ,
' प्यार ' छुपा गुलाब की झाड़ियों के पीछे !
फिर सब पकडे गए सिवा ' प्यार ' के ,
ये देख ' जेलिसी ' ने ' दर्द ' को बता दिया कि-
' प्यार ' छुपा है कहाँ पर ..?
' दर्द ' ने ' प्यार ' को खींच कर निकला ..,
तो ' काँटों ' की वजह से -
' प्यार ' की ' आँखें ' ख़राब हो गईं !
और ' प्यार ' अँधा हो गया !
ये देख कर ' भगवान ' ने सजा सुनाई -
' प्यार ' तू सदा ' अँधा ' ही रहेगा !
' दर्द ' से कहा कि -
तू सदा ' प्यार ' के साथ ही रहेगा !
तब से ' प्यार ' अँधा ' होता है और -
जहाँ भी जाता है ' दर्द ' साथ ही होता है !!"

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