Friday, March 11, 2011

तुमने नहीं देखे सपने मेरे

क्या हुआ जो तुम अब साथ नहीं हो मेरे ,
पर फूलों - सी महकाती हैं यादें तुम्हारी !
क्यां हुआ जो अधूरे रहे वादे तुम्हारे -मेरे ,
पल दिल चाहता है हमेशा ख़ुशी तुम्हारी !
क्या हुआ जो तुमने नहीं देखे सपने मेरे ,
पर ख्यालों में बसी रहती तस्वीर तुम्हारी !
क्या हुआ जो तुम हो न सके साथी मेरे ,
पर साथ हैं कुछ भूली सी  यादें तुम्हारी !!

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