"कोई गुस्ताखी तो नहीं की थी हमने -
जो साथ न देने को सोचा तुमने !
कोई कमी तो नहीं की प्यार में हमने ,
जो स्वीकार नहीं किया तुमने !
कोई ज्यादा तो चाहना नहीं की हमने ,
जो जुदा कर दिया अपने से तुमने !
कोई कसम तो नहीं तोड़ी थी हमने ,
जो अपने वादों से दूर किया तुमने !
कोई रिश्ता तो नहीं चाहा था हमने ,
जो दिल तोड़ अकेला छोड़ा तुमने !"
जो साथ न देने को सोचा तुमने !
कोई कमी तो नहीं की प्यार में हमने ,
जो स्वीकार नहीं किया तुमने !
कोई ज्यादा तो चाहना नहीं की हमने ,
जो जुदा कर दिया अपने से तुमने !
कोई कसम तो नहीं तोड़ी थी हमने ,
जो अपने वादों से दूर किया तुमने !
कोई रिश्ता तो नहीं चाहा था हमने ,
जो दिल तोड़ अकेला छोड़ा तुमने !"
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