Monday, February 28, 2011

महाशिव रात्रि

" गुरुर ब्रम्हा गुरुर विष्णु , गुरुर देवो महेश्वरा !
गुरुर साक्षात् परब्रम्हा , तस्मय श्री गुरुवे नमः !! "

शिव भोले भंडारी हैं , बस मन से उनका नाम लीजिये मन शांत हो जाता है ! मन की सारी उलझने मानों अपने आप सुलझने लग जाती हैं ..! "  ॐ नमः शिवाय ", इस छोटे से मन्त्र में इस पूरी दुनियां का सँचालन छिपा है ! शिव प्रतीक हैं -अपने अन्दर की बुराइयों पर विजय पाने का , असंभव कार्य को संभव बनाने के लिए , जैसे उन्होंने ' विषपान ' किया था ! हम भी अपने आस पास के नकारात्मक रूपी विष को ग्रहण करके उसे सकारात्मक बना कर अपने आस पास के वातावरण को सकारात्मक बना सकतें हैं ! शिव प्रतीक हैं क्षमा के - तो हम भी अपने आस पास के वातावरण में किसी के द्वारा की गई कोई भी गलती को जो क्षमा करने लायक हो क्षमा करके अपने व्यक्तित्व को ' सबका प्रिय ' बना सकतें हैं ! शिव प्रतीक हैं - सहांर के ! उनसे प्रेरणा ले कर हम भी अपने आस पास हो रहे असामाजिक कार्यों , अत्याचारों , और ऐसे ही अन्य का निर्भीक हो कर विरोध कर पाने में सफलता पा सकतें हैं ! शिव प्रतीक हैं - तपस्या के ! अर्थात सयम , एकाग्रता और लगन ! हम भी ये प्रेरणा ले कर अपने मन - मस्तिक्ष को अपने काबू में रख सकतें है ! शिव प्रतीक हैं - सुन्दरता के ! अर्थात मन की सुन्दरता ...! हम भी उनसे प्रेरित हो कर अपने मन को सुन्दर बना सकतें हैं ! यदि हम ' शिव जी ' से ये प्रेरणा ले कर अपने जीवन में पालन करें तो हमारा जीवन भी हो उठेगा ---- " सत्यम , शिवम् , सुन्दरम ..! ॐ नमः शिवाय ...! ॐ नमः शिवाय  !! ॐ नमः शिवाय !!! आप सभी को महाशिव रात्रि की हार्दिक शुभकामनाये ....आपका जीवन सफल हो , सभी खुशियाँ आपको मिलें , आपसे सब प्रसन्न रहें ..!

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