" मेरी आँखों से कभी उतरो मेरे दिल में,
मैं धड़कन में बसा लूँ तुमको..!
जान से बढ़ कर चाहूं तुम्हे,
अपनी ज़िन्दगी ही बना लू तुमको..!
मेरे ख्वाब में सिर्फ तुम ही बसों,
अपनी नींदों में सजा लूँ तुमको..!
लोगों की भीड़ में खो न जाओ कहीं,
ज़माने से चुरा लूँ मैं तुमको..!
मेरी तन्हाई को ज़रुरत है तुम्हारी,
गर इज़ाज़त दो तो यादों में बुला लूँ तुमको !!"
मैं धड़कन में बसा लूँ तुमको..!
जान से बढ़ कर चाहूं तुम्हे,
अपनी ज़िन्दगी ही बना लू तुमको..!
मेरे ख्वाब में सिर्फ तुम ही बसों,
अपनी नींदों में सजा लूँ तुमको..!
लोगों की भीड़ में खो न जाओ कहीं,
ज़माने से चुरा लूँ मैं तुमको..!
मेरी तन्हाई को ज़रुरत है तुम्हारी,
गर इज़ाज़त दो तो यादों में बुला लूँ तुमको !!"
kyaa baat he mnu ji so sunar ki aek luhar ki mzaa aa gyaa mubark ho . akhtar khan akela kota rajsthan
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