Thursday, February 10, 2011

जब दिल उदास हो जाता है तो यादें मन को दूर सा कर देतीं है न इस दुनियां से ...अपने आप से ...! मन यादों में इस कदर खो सा जाता है की कब आखों से आसूँ निकल जातें है इसका अहसास ही नहीं होता ..! बस अंगुलियाँ अपने आप उन आसूँओं की बूंदों को हटा देतीं है ..! उस समय लगता है न सब तरफ उदासी छा गई है ..! मन भारी - भारी सा हो उठता है ..! सच में प्यार में साथ है तो सब अच्छा - अच्छा लगता है पर जुदाई आ जाये या बिछुड़ना पड़े तो ..." बादल भी आसूं बहता है ..जमीं के दिल पर यादें बन जातें है आसूं ..!!"

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