क्यों आती है याद उनकी इतनी -
जब प्यार खो चुके होतें हैं ?
क्यों बेचैन करती हैं बातें उनकी-
जब प्यार खो चुके होतें हैं ?
क्यों नहीं जी पाते हंस कर जिंदगी -
जब प्यार खो चुके होतें हैं ?
क्यों आस रहती है उनके फिर आने की -
जब प्यार खो चुके होतें हैं ?
क्यों नहीं भूल पाते उन्हें सपनो में भी -
जब प्यार खो चुके होतें हैं ?
क्यों नहीं सामान्य हो पाते हम खुद भी -
जब प्यार खो चुके होतें हैं ?
जब प्यार खो चुके होतें हैं ?
क्यों बेचैन करती हैं बातें उनकी-
जब प्यार खो चुके होतें हैं ?
क्यों नहीं जी पाते हंस कर जिंदगी -
जब प्यार खो चुके होतें हैं ?
क्यों आस रहती है उनके फिर आने की -
जब प्यार खो चुके होतें हैं ?
क्यों नहीं भूल पाते उन्हें सपनो में भी -
जब प्यार खो चुके होतें हैं ?
क्यों नहीं सामान्य हो पाते हम खुद भी -
जब प्यार खो चुके होतें हैं ?
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