Sunday, February 13, 2011

" प्यार : जीवन की अनोखी अनुभूति "

                                                                                         
"प्यार " सिर्फ शब्द नहीं ..बल्कि समाया है इसमें ऐसा संसार ..जो खुशियों से महकते उपवन भी देता है, और दुख के आसुओं से लबालब सागर भी ..! हाँ होता है केवल इतना कि हमारा प्यार किस आधार पर है ..विश्वास पर या सिर्फ स्वार्थ पूर्ति पर ..! इस शब्द " प्यार " को व्यक्त करने का न तो कोई समय होता है न ही कोई अवसर ...? क्योंकि कहा भी गया है न - " प्यार किया नहीं हो जाता है ..!" तो जब ऐसा होता है तो व्यक्त करने लिए समय या दिन का इंतजार करना ..उचित नहीं होता न ..! क्यों कि हर प्यार करने वाला चाहता है न कि उसका प्यार ' नाराज़ ' न हो किसी भी तरह ..! है न ..! कभी - कभी ऐसा भी होता है कि हम अपने जीवन साथी के साथ रहतें तो हैं ..पर मन ही मन कुछ ' खालीपन ' सा महसूस होता है ? यही खालीपन इस बात का प्रतीक होता है है हमे ' प्यार ' की अनुभूति नहीं हुई ..! वैसे भी सभी को 'प्यार ' की अनुभूति हो यह जरूरी नहीं होता ! जैसे सभी को ' ईश्वर भक्ति ' करने का अवसर नहीं मिलता ..! हाँ जिसने " प्यार " की अनुभूति कर ली जब भी ..जीवन के किसी भी मोड़ पर ..उम्र के किसी भी पड़ाव पर ..उसे लगता है उसका जीवन धन्य हो गया ..! सच में ' प्यार ' केवल अहसास नहीं है वह तो साक्षात् ईश्वर का वरदान है ..!
" आप सभी को 'वेलेनटाईन डे ' की हार्दिक शुभकामनायें ..! ईश्वर करे आपके जीवन की बगिया में प्यार की महक बिखेरते पुष्पों के रंग सदा खिले रहें ..! आप सदा प्रसन्न रहें ...मुस्कुरातें रहें ...सभी आपको चाहें ...!"

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