सुन्दरता इस जहाँ की आत्मा है ! ये सुन्दरता प्रकृति की भी हो सकती है तो कलाकारों की कलाकृति की भी ..! पर सबसे ज्यादा सुन्दरता मन मोहती है नारी की ..! जाने कितने काव्य लिखे गएँ होंगे ..जाने कितने महल और भी जाने क्या - क्या ..! समय चाहे कितना बदल जाये पर ' नारी ' की सुन्दरता बदलते समय के साथ और भी निखरती जाती है .... सच में इस सुन्दरता को देखने ही तो ईश्वर भी अवतार ले कर आता रहता है ..! चाहे साधू - सन्यासी हो , या हो कोई भी सभी के मन मंदिर में एक खूबसूरत ' नारी ' की तस्वीर जरूर रहती है ..!
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