जब मन में ख़ुशी ,उल्लास और मस्ती आती है तो लगता है ...चारों तरफ मुस्कराहट का वातावरण बन गया है .! इस मुस्कराहट में हम अगर अपने सामान्यपन को बनाये रख सकें तो ये वातावरण हमेशा बना रहता है ! शायद सभी ऐसा ही चाहतें है न ! इस दुनियां में जितने भी त्यौहार आतें हैं उनका यही एकमात्र उद्देश्य होता है ! अब चाहे भारतीय त्यौहार हों या अन्य किसी देश में ..! इन त्योहारों के इस मर्म को समझ कर उसका अपने मन के अनुसार आनंद ले तो ...कितना अच्छा लगता है ..! यह कोई जरूरी नहीं कि " लकीर का फकीर " बन कर किसी अन्य त्यौहार को मनाया जाये ! अपने मन के अनुसार उसकी महत्ता समझ कर मनाये तो हमारे चारों तरफ सदा ख़ुशी , प्रसन्नता का वातावरण बन रहेगा न .
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