Monday, February 14, 2011

फिर अकेले हम ...





चले हैं हम उन राहों पर ,
जहाँ न ख़ुशी है न गम !
बहुत नाज़ था प्यार पर ,
पर आज आँखें हैं नम !
करते रहेंगे  उनसे प्यार ,
 न मिलेंगे उनसे हम !
 अकेले रह गए फिर ,
जी ही लेंगे कैसे भी हम !!

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