इश्क हम भी कर लें
पर डरतें हैं रुसवाइयों से !
जी लें हम भी ख्वाबों में ,
पर डरतें हैं तनहाइयों से !
बना लें हम भी किसी को हमसफ़र ,
पर डरतें है कहीं छूट न जाये हमसफ़र का साथ कभी !
लगा लें हम भी किसी को सीने से ,
पर डरतें हैं कहीं छूट न जाये वो हाथ कभी !
कर लें हम भी अपना हर लम्हा किसी के नाम ,
पर डरतें है कभी बिछुड़ न जाये वो यार कभी !
पल भर की खुशियों के बाद
हो न जाये फिर से सूना यह संसार कहीं !
छुपते हैं हर बार तनहाइयों में ,
पर डरतें हैं हमे भी हो न जाये प्यार कभी !!
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