Thursday, February 17, 2011

" वो हुए न हमारे !"

हर एक मुस्कराहट मुस्कान नहीं होती ,
              नफरत हो या मोहब्बत आसां नहीं होती !
आँसू गम के, ख़ुशी के एक जैसे नहीं होते,
              इनकी पहचान उतनी आसां नहीं होती !!
ये आतें तो है पर तन से नहीं -
              वो बहतें तो हैं पर मन से नहीं !
कौन कहता है वो प्यार नहीं करते -
               करतें तो है मगर शायद हमसे नहीं ..!
जिनकी राहों में हमने बिछाये थे सितारे ,
               उन्हें कहतें है हर पल आंसुओं के सहारे -
हो गए हैं सारे शिकवे कितने किनारे ,
               मगर फिर भी क्यों वो हुए न हमारे ..!!!

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