Monday, February 28, 2011

महाशिव रात्रि

" गुरुर ब्रम्हा गुरुर विष्णु , गुरुर देवो महेश्वरा !
गुरुर साक्षात् परब्रम्हा , तस्मय श्री गुरुवे नमः !! "

शिव भोले भंडारी हैं , बस मन से उनका नाम लीजिये मन शांत हो जाता है ! मन की सारी उलझने मानों अपने आप सुलझने लग जाती हैं ..! "  ॐ नमः शिवाय ", इस छोटे से मन्त्र में इस पूरी दुनियां का सँचालन छिपा है ! शिव प्रतीक हैं -अपने अन्दर की बुराइयों पर विजय पाने का , असंभव कार्य को संभव बनाने के लिए , जैसे उन्होंने ' विषपान ' किया था ! हम भी अपने आस पास के नकारात्मक रूपी विष को ग्रहण करके उसे सकारात्मक बना कर अपने आस पास के वातावरण को सकारात्मक बना सकतें हैं ! शिव प्रतीक हैं क्षमा के - तो हम भी अपने आस पास के वातावरण में किसी के द्वारा की गई कोई भी गलती को जो क्षमा करने लायक हो क्षमा करके अपने व्यक्तित्व को ' सबका प्रिय ' बना सकतें हैं ! शिव प्रतीक हैं - सहांर के ! उनसे प्रेरणा ले कर हम भी अपने आस पास हो रहे असामाजिक कार्यों , अत्याचारों , और ऐसे ही अन्य का निर्भीक हो कर विरोध कर पाने में सफलता पा सकतें हैं ! शिव प्रतीक हैं - तपस्या के ! अर्थात सयम , एकाग्रता और लगन ! हम भी ये प्रेरणा ले कर अपने मन - मस्तिक्ष को अपने काबू में रख सकतें है ! शिव प्रतीक हैं - सुन्दरता के ! अर्थात मन की सुन्दरता ...! हम भी उनसे प्रेरित हो कर अपने मन को सुन्दर बना सकतें हैं ! यदि हम ' शिव जी ' से ये प्रेरणा ले कर अपने जीवन में पालन करें तो हमारा जीवन भी हो उठेगा ---- " सत्यम , शिवम् , सुन्दरम ..! ॐ नमः शिवाय ...! ॐ नमः शिवाय  !! ॐ नमः शिवाय !!! आप सभी को महाशिव रात्रि की हार्दिक शुभकामनाये ....आपका जीवन सफल हो , सभी खुशियाँ आपको मिलें , आपसे सब प्रसन्न रहें ..!

Saturday, February 26, 2011

जब प्यार खो चुके होतें हैं ?

                                              क्यों आती है याद उनकी इतनी -
                                                      जब प्यार खो चुके होतें हैं  ?
                                             क्यों बेचैन करती हैं बातें उनकी-
                                                      जब प्यार खो चुके होतें हैं ?
                                             क्यों नहीं जी पाते हंस कर जिंदगी -
                                                     जब प्यार खो चुके होतें हैं ?
                                            क्यों आस रहती है उनके फिर आने की -
                                                     जब प्यार खो चुके होतें हैं ?
                                           क्यों नहीं भूल पाते उन्हें सपनो में भी -
                                                    जब प्यार खो चुके होतें हैं ?
                                           क्यों नहीं सामान्य हो पाते हम खुद भी -
                                                    जब प्यार खो चुके होतें हैं ?

Friday, February 25, 2011

प्यार है मुझे

आजमाने को क्यों नाम दूँ  मैं ,
कि तुमसे प्यार नहीं है मुझे !
दूर रहने की बात से उदास नहीं मैं ,
क्योंकि तुमसे ही प्यार है मुझे !!

नाम तुम्हारा

नाम तुम्हारा जब से जुड़ा है मेरे नाम के साथ ,
लगता है मेरे नाम का अर्थ सार्थक हो गया !
अब मैं क्यों करूँ तुम्हारी तुलना किसी के साथ ,
जब से तुमसे मेरा जीवन सार्थक हो गया !!

होना न जुदा कभी


यादों का क्या है वो तो तडपातीं हैं ख्वाबों में ,
इसी को कहतें हैं न क्या से क्या हो गए प्यार में !
वजूद में शामिल रहो हमेशा ज्यों फूल में महक ,
होना न जुदा कभी ज्यों अमावस में चाँद की चांदनी !!

खुशबू प्यार की

यादें ही होतीं हैं खुशबू प्यार की ,
जो बयां करती हैं जहाँ को कहानी प्यार की !
यादें ही होतीं है जान जीवन की ,
जो बयां करती हैं कहानी हसीं , गम की !!

Wednesday, February 23, 2011

इंतजार


\


    " प्यार आपका पाने
हमने इस उम्र तक ,
      किया था इंतजार !
      अब मिली हो हो तो
देना साथ उम्र भर तक ,
      अब न कराना इंतजार !!"

Tuesday, February 22, 2011

" कामनसेंस "




अंग्रेजी में एक शब्द है - " कामनसेंस " ! है तो एक शब्द ही पर ये अनेक तरह की उहा - पोह , विकट परिस्थितियों , और उलझाव में " रामबाण " के रूप में काम करता है ! " क्या तुममे कामनसेंस नहीं है कि तुम देख कर भी अंजान बन रहे हो ..? " जैसी अनेक स्थितियों को सरल बनता है ! जिन रिश्तों से हम घिरे रहतें हैं , उनमे अपनापन , कर्तव्य परायणता प्रदर्शित होती है ..! जिसे हम अज्ञानता वश " हम तुम्हारी चिंता करतें हैं ..!" आदि बातें करतें हैं , उसे मान लेतें हैं कि ये बातें हमारे भले के लिए कही जा रहीं हैं ! हमे इस बात का पता भी नहीं होता कि इन वाक्यों का वास्तविक  अर्थ क्या है .? सच तो ये होता है कि इन वाक्यों में कॉमनसेंस की कमी होती है ! तभी इस तरह के वाक्यों का प्रयोग किया जाता है .! इसलिए साधरण तरीका तो ये होना चाहिए कि हम ये ही सोचें कि जिन वाक्यों का हम प्रयोग कर रहें हैं,  कहीं उनमे " कामनसेंस ' की कमी तो नहीं हो रही ..! हमे इस बात पर गौर कर लेना चाहिए कि हमने जो कहा है उसे सुन कर सामने वाला क्या सोच सकता है ..और यही बात यदि वो कहे तो हमे कैसा लगेगा ..! बस जिस दिन हम इस बात को समझ जातें हैं उस दिन हम उस चीज से दूर हो जातें हैं - जिसे किसी भी व्यक्तित्व  के लिए " जहर "   माना जाता है और वो है - " अहम् या इगो " ! है न एकदम सरल तरीका ...साधारण रहते हुए भी असाधारण बने रहने का ..!!!!

जरूरी तो नहीं !

हर किसी को प्यार मिल जाए ,
जरूरी तो नहीं !
हर किसी को मनचाहा  साथी मिल जाये ,
जरूरी तो नहीं !

हर ख़ुशी, हर बात याद रह जाये ,
जरूरी तो नहीं !

हर गम , आपको भी भूल जाये ,
जरूरी तो नहीं !

Monday, February 21, 2011

" रिश्ते " ..!

" रिश्ते " ..! कितना अपना सा अहसास है इसमें ! मन करता है न ...कभी इस 'शब्द ' से अलग न हों हम ! कितने रंग दिखता है  न ये एक शब्द - रिश्ते ' ! हमारे मन पर पूरी तरह काबू रहता  है इस शब्द का ..! हम रिश्तों से संचालित होतें हैं न कि हमसे रिश्ते ..? परन्तु हम इस गलतफहमी में जीते हैं कि हम रिश्तों को संचालित करतें है ? जब चाहें रिश्ते हमारे मन को चाहे जिस रंग में रंगना चाहे रंग देतें हैं ..! और हम हैं कि ..अपनी खुशफहमी में खुश रहतें हैं कि ..अपने रिश्तों में हम जो चाहे रंग भर सकतें हैं ..! जब रिश्ते टूट जातें हैं तब हमे अपनी खुशफहमी की असलियत का पता चलता है ..पर  तब तक देर हो चुकी होती है न ..! हम उस समय तो इस असलियत को समझ जातें हैं पर फिर पता ही नहीं चलता कब भूल गए ..? यही तो विशेषता है इस एक शब्द  की ..जिसे हम - रिश्ते ' कहतें हैं ..! इसलिए हमे इस बात को याद रखना चाहिए न कि हम 'रिश्तों ' में केवल अपना प्यार , अपनत्व और पूरा समर्पण देना चाहिए न कि उस पर अपना काबू रखना चहिये ...जैसे ही हमने ' रिश्तों ' पर अपना काबू दिखाया कि ..पता नहीं कैसे दरार आ जाती है 'रिश्तों में' ..! ' रिश्तों ' को बांधना यानि रिश्तों में खुद से ही दरार डालने का काम कर जातें है न हम ..! इसलिए रिश्तों में जीना चाहिए ..न कि हमसे रिश्तें जियें ..!!!

बांटें मुस्कुराहटें

राह लम्बी  है सफ़र की,
जीवन छोटा सा है !
रहें साथ यादें  प्यार की ,
दिल यही चाहता है !
बांटें मुस्कुराहटें प्यार की ,
चाहना जीवन से ये है !!

Sunday, February 20, 2011

अपने दिल से

उदास  मन बिखर जाता है यादों से ,
फिर भी वे कहतें हैं याद नहीं करते ..?
ढूंढते हैं उन्हें हम अपने दिल से ,
फिर भी वे हैं कि कहीं मिल नहीं पाते !
रह  नहीं पाते दूर उनकी यादों से ,
फिर भी वे हैं कि पास हैं आ जाते !
ऐसे ही रंग जाता है दिल प्यार से ,
फिर भी वे हैं कि हम प्यार नहीं करते !!

अपने दिल से

उदास  मन बिखर जाता है यादों से ,
फिर भी वे कहतें हैं याद नहीं करते ..?
ढूंढते हैं उन्हें हम अपने दिल से ,
फिर भी वे हैं कि कहीं मिल नहीं पाते !
रह  नहीं पाते दूर उनकी यादों से ,
फिर भी वे हैं कि पास हैं आ जाते !
ऐसे ही रंग जाता है दिल प्यार से ,
फिर भी वे हैं कि हम प्यार नहीं करते !!

हरी भरी वादियाँ



देतीं हैं हरी भरी वादियाँ ,
मन को प्यारी -प्यारी खुशियाँ !
बिखरी बहारें यहाँ - वहां ,
समेटती  अपने आँचल में यहाँ !
आओ मिल कर चले यहाँ ,
बाटें खुशिया भूल दुखों का जहाँ !

चल मेरे दिल



चल मेरे दिल इन,
हसीं वादियों में ,
क्या पता यादें -
पीछा करना छोड़ दें !
वहां तो अपनों ने  -
दर्द दिए दिल में ,
शायद यहाँ दर्द -
पीछा करना छोड़ दें !!

Saturday, February 19, 2011

कहाँ आसां है ?




जुदाई में भी प्यार महकता है ,
ये कहना आसां है !
पर जब जुदाई में प्यार बिछुड़ जाता है ,
तो सहना कहाँ आसां है ? 

इतना आसां नहीं !






प्यार मान जाये दिल की बात ये इतना आसां नहीं !
उसे तो सदा शिकायत करने की आदत होती है !!
जीवन में सब खुशियाँ मिल जाएँ ये इतना आसां नहीं !
क्योंकि उसे तो सदा गम देने  की आदत होती है !!

दिल मेरा





भुला नहीं पाता बातें उनकी दिल मेरा !
यादें भी अब सह नहीं पाता उनकी दिल मेरा !!
क्यों छोड़ गए ये समझ नहीं पाता दिल मेरा !
कैसे भूल जाऊं उन्हें समझ नहीं पाता दिल मेरा !!

सपने में देखा था

मीठी बातों में खोये थे हम - तुम ,
मैंने सपने में देखा था !
महकते गुलों में घूमे थे हम तुम ,
मैंने सपने में देखा था !
प्यार के वादे कर रहे थे हम - तुम ,
मैंने सपने में देखा था !
न बिछड़ने को कह रहे थे हम - तुम ,
मैंने सपने में देखा था !
प्यार से सदा साथ रहेंगे हम - तुम ,
मैंने सपने में देखा था !
जाने कैसे  बिछुड़ गए हम - तुम ,
मैंने ये भी सपने में देखा था !

कोई नाम न दो !!





दिल की चाहत को
कोई नाम न दो ..,
इसे चाहत ही रहने दो
मिलने का बहाना  न दो !
क्या करेंगी बहारें इसे रंगीन ,
क्या महकयेंगीं इसे
फूलों की मुस्कान ,?
यह तो ऐसा जज्बा है ..
जिस पर किसी का
कोई बस भी तो नहीं ..!!

Friday, February 18, 2011

" छुपा ले आसुओं में "

दिल की बातों को छुपा लेतें हैं -
हम अपने आसुओं में !
अनकही यादों को छुपा लेतें हैं -
हम अपने आसुओं में !
बिछड़ने का दर्द भी छुपा लेतें हैं -
हम अपने आसुओं में !
तुम्हारी तस्वीर  छुपा लेतें हैं -
हम अपने आसुओं में !
याद न करने को छुपा लेतें हैं -
हम अपने आसुओं में !
तुम्हारा इंतजार छुपा लेतें हैं -
हम अपने आसुओं में !
मुलाकात न होगी , छुपा लेतें हैं -
हम अपने आसुओं में !
बेवफाई तुम्हारी छुपा लेतें हैं -
हम अपने आसुओं में !!

यूँ ही ...!!!





यूँ ही प्यार बनाये  रखना  ,
अपने दिल में !
यूँ ही मीठी बातें करना ,
जब भी हम मिले !
यूँ ही मेरे साथ सदा रहना ,
चाहे कितने दुःख मिले !
यूँ ही तुम  मुस्कुरा देना ,
जब उदासी हमें  घेर ले !
यूँ ही हमे कभी छोड़ न देना ,
चाहे कितना भी नाराज़ हो ले !!



Thursday, February 17, 2011





जब होता है अहसास
प्यार का ,
मन डूब गया होता है
प्यार में !
हो जाता है विछोह
प्यार का ,
जब साथी छोड़ दे
मझधार में !

 






मुस्कुराना तुम्हारा मोह लेता है -
मन को मेरे !
बातें करना तुम्हारा बांध लेता है -
प्यार को मेरे !!
हर धड़कन में एक
राज़ होता है ,
हर बात को बताने का एक
अंदाज होता है !
जब तक ठोकर न लगे
बेवफाई की ,
हर किसी को अपने प्यार पर
नाज़ होता है !!





कितनी जल्दी जिंदगी गुजर जाती है ,
प्यार हुआ होता नहीं और बिछुड़ जातें हैं !
आपकी याद कुछ इस तरह आती है ,
नींद आती नहीं और रात गुजर जाती है !!





वो अजनबी है कब छोड़ दें ,
     हवा का क्या पता कब रुख मोड़ दे !
हम तो उनका  दिल खुश रखतें हैं ,
     मगर उनका क्या पता कब दिल तोड़ दें !!

बेकरारी





काश ! सूरत  आपकी  इतनी  प्यारी  न  होती ,
काश  !आपसे  मुलाकात  हमारी  न  होती !
सपनो  में  ही  देख  लेते  तो  मिलने  की
इतनी बेकरारी तो  न  होती ....!!

मिल जाये तेरा सहारा

अगर मिल जायेगा जिंदगी में तेरा सहारा ,
मेरी जिंदगी जैसे खुशियों से भर जाएगी !
महसूस करो आँखों को बंद किये अपनी ,
तुझे मेरे प्यार की दुनियां नज़र आएगी !
ये चाहत ही  है मेरी जो सिर्फ तुझसे है ,
यही चाहत मेरी तुझे और करीब लाएगी !
गर मिल जाये इस सफ़र में साथ तेरा ,
मेरी जिंदगी प्यार से यूँ गुजर जाएगी !
दूर न होना तू मुझसे कभी जिंदगी में ,
मुझसे दूर जा के तू भी रह नहीं पायेगी !
खुदा करे बस मेरी दुआ कबूल हो जाये ,
है भरोसा कि तू  मिल ही जाएगी!! 

" वो हुए न हमारे !"

हर एक मुस्कराहट मुस्कान नहीं होती ,
              नफरत हो या मोहब्बत आसां नहीं होती !
आँसू गम के, ख़ुशी के एक जैसे नहीं होते,
              इनकी पहचान उतनी आसां नहीं होती !!
ये आतें तो है पर तन से नहीं -
              वो बहतें तो हैं पर मन से नहीं !
कौन कहता है वो प्यार नहीं करते -
               करतें तो है मगर शायद हमसे नहीं ..!
जिनकी राहों में हमने बिछाये थे सितारे ,
               उन्हें कहतें है हर पल आंसुओं के सहारे -
हो गए हैं सारे शिकवे कितने किनारे ,
               मगर फिर भी क्यों वो हुए न हमारे ..!!!

Wednesday, February 16, 2011

सिर्फ तुम




वो सपने,  सपने नहीं हैं ,
जिनमे तुम नहीं आओ !
वो बहारें,  बहारें नहीं हैं ,
जिनमे साथ न आओ !
वो बातें,  बातें नहीं है ,
जिसमे तुम्हारा नाम नहीं है !
वो प्यार , प्यार नहीं है ,
तुमसे जो न मिलता है !
जिंदगी , जिंदगी नहीं है ,
जिसमे साथ तुम्हारा नहीं है !!

गर तुम्हे कोई शिकायत न हो



तुम्हारी मीठी सी बातों को मैं ,
अपनी यादों में सजा लूँगा -
गर तुम्हे कोई शिकायत न हो !
तुम से  हुई मुलाकातों को मैं ,
अपनी कल्पना में सजा लूँगा -
गर तुम्हे कोई शिकायत न हो !
तुम्हारे मीठे से स्पर्श को मैं ,
अपने सपनों में सजा लूँगा -
गर तुन्हें कोई शिकायत न हो !
तुम्हारे अपने से प्यार को मैं ,
अपने जीवन में सजा लूँगा -
गर तुम्हे कोई शिकायत न हो !!


" दिल  की धड़कन  को -
धड़का  गया कोई,
मेरे  ख्वाबों  को -
महका गया कोई !
हम तो  अनजाने -
रास्तों पे चल रहे थे,
अचानक ही प्यार का -
मतलब सिखा गया कोई!!"

" सीख लिया "

जब प्यार करना सीख लिया,
तो प्यार निभाना भी सीख लिया !
जब आये आपकी याद तो ,
पलकों को झुकाना भी सीख लिया !
इस डर से कि कोई देख न ले ये आसूं ,
हर गम में मुस्कुराना भी सीख लिया !!"

Tuesday, February 15, 2011

हम भी दिल लगा कर देखेंगें

" एक बार ये गुनाह करके देखेंगे ,
हम भी दिल लगा कर देखेंगे !
सुना है मोहब्बत जिंदगी तबाह करती है ,
हम भी खुद को मिटा कर देखेंगे !
सुना है इश्क एक आग का दरिया है ,
हम भी खुद को जला कर देखेंगें !
सुना है रातें करवटों में गुजरतीं है प्यार में ,
हम भी अपनी नींदें उदा कर देखेंगें !
सुना है एक अजीब सा नशा है ये चाहत ,
हम भी अपने होश गवां कर देखेंगें !
सुना है अक्सर खो जातें है प्यार करने वाले ,
हम भी ख्यालों की महफ़िल सजा के देखेंगे !"

सुन्दर महकते पुष्प

           

" फूल " ! कितने हसीं लगतें हैं ..मन को भातें हैं ..! कितनी मोहक महक होती है सुन्दर -सुन्दर पुष्पों की ..! मन कितना भी उदास होता है पर फूलों की सुन्दरता , महक मन खुश कर देती है न ..! सच में प्रकृति का नायब तोहफा है हम दुनियां में  ...कभी उदास ..कभी खुश रहने वालों के लिए ...हमेशा हँसते ..मुस्कुराते ...महकते ...- ये सुन्दर से पुष्प ...!

नासमझ


                                       " दिल की बात जुबां पे लातें हैं ,
                                                   कि दिल का गुबार कम हो जाये !
                                         पर जिन्हें कहना  होता है शायद
                                                   समझ कर भी नासमझ बनतें हैं !!"
 

कुछ कहो अपने आप से ही

कुछ कहो अपने आप से ही ,
मन प्रसन्न हो जायेगा !
कुछ कहो अपने आप से ही ,
दिल अपना सा हो जायेगा !
कुछ कहो अपने आप से ही ,
परायों का साथ मिल जायेगा !
कुछ कहो अपने आप से ही ,
मन के दुःख भी मुस्कुरा जायेंगे !
कुछ कहो अपने आप से ही ,
सबका साथ अपना हो जायेगा !
कुछ कहो अपने आप से ही ,
दिल का प्यार मिल जायेगा !!

तस्वीर बोलती है




तस्वीर भी बोल उठती है-
                  गीत मीठे से ,
जब उसे शब्दों की-
                  वाणी मिल जाये !
जैसे कलाकार जीवित-
                  कर दे मिटटी भी ,
दे कर अपनी कल्पना को-
                          साकार रूप !!

प्रकृति : मन का दर्पण



" सुन्दरता प्रकृति की
                  मन को भाती है ,
पत्तियों की सरसराहट
                  मन मोहती है !
पंछिओं की चहचाहट
                  मन मचलाती है  ,
निर्झर की अठखेलियाँ
                   उमंगें लातीं हैं !
अकेले  से मन का
                   दर्पण बन जाती है ,
 जब प्रकृति में अपनी
                     तस्वीर देखतें हैं !!"



Monday, February 14, 2011

फिर अकेले हम ...





चले हैं हम उन राहों पर ,
जहाँ न ख़ुशी है न गम !
बहुत नाज़ था प्यार पर ,
पर आज आँखें हैं नम !
करते रहेंगे  उनसे प्यार ,
 न मिलेंगे उनसे हम !
 अकेले रह गए फिर ,
जी ही लेंगे कैसे भी हम !!

BEAUTY

सुन्दरता इस जहाँ की आत्मा है ! ये सुन्दरता प्रकृति की भी हो सकती है तो कलाकारों की कलाकृति की भी ..! पर सबसे ज्यादा सुन्दरता मन मोहती है नारी की ..! जाने कितने काव्य लिखे गएँ होंगे ..जाने कितने महल और भी जाने क्या - क्या ..! समय चाहे कितना बदल जाये पर ' नारी ' की सुन्दरता बदलते समय के साथ और भी निखरती जाती है .... सच में इस सुन्दरता को देखने ही तो ईश्वर भी अवतार ले कर आता रहता है ..! चाहे साधू - सन्यासी हो , या हो कोई भी सभी के मन मंदिर में एक खूबसूरत ' नारी ' की तस्वीर जरूर रहती है ..!





दिल की बात कह दो चुप न रहो ,
कहनी है हमने भी अपने दिल की !
वक्त कहीं गुजर न जाये बिन कहे ,
उम्र कम होती है अरमानों की ..!!

हमेशा मुस्काएं

मन जब खुश होता है तो कितना अच्छा लगता है ..! उस समय मन करता है न कि कभी कैसे भी उदासी न आये पास ..! पर ऐसा होता नहीं है न ..! पर हम चाहें तो हम कर  सकतें है अपने मन को हमेशा खुश ..! बस करना इतना ही है कि कैसे भी दुख क्यों न आ जाएँ ..उन्हें बहुत सोचें नहीं ...चेहरे पर मुस्कराहट बनाये रखें ! हो सकता है पहले कुछ कठिन सा लगे पर जब हम ऐसा करने की आदत बना लेंगें न ..तो कुछ भी कठिन नहीं लगेगा ..! जैसे कागज़ ...पेन ..पेंसिल ...मिटटी ...आदि चीजें कभी मुस्कुरातीं हुई दिखतीं हैं ? नहीं न ...! पर जब कागज़ पर पेंसिल से कोई मुस्कुराती तस्वीर बना लें तो मनो कागज़ भी मुस्कुराता सा लगता है ..! ऐसे ही मिटटी से कोई मुस्कुराता बुत बना ले तो मुस्कुराती है मिटटी भी ..! और सभी को खुश रहना ..मुस्कुराना अच्छा लगता है न ..! चाहे अपने प्यार का मुस्कुराना हो ...!!! है न ...तो हमेशा मुस्कुराने से कोई भी कठिन काम तो आसां हो जाता है साथ ही कठिन समय भी हँसतें - हँसतें बीत जाता है ..! वैसे भी सभी मुस्कुराती यादें सहेजना चाहतें  हैं न......!

To My Friends

मन महक जाता है ,
जब फूल मुस्कुराते है !
उमंगें उडान भरतीं है ,
जब प्यार मिलता  है !
बगीचा खिल उठता है ,
जब तितलियाँ इठलातीं है !
झरने खिलखिला उठतें है ,
जब हवाएं चूमतीं है !
चाँद मुस्कुराने लगता है ,
जब चांदनी स्पर्श करती है !
जीवन इन्द्रधनुष बनता है ,
जब प्यारे मित्र मिलतें हैं !





"आपको मिले सब खुशियाँ ,
जो मांगे अपनी किस्मत से !
रहें साथ हमेशा आप यूँ ही ,
अपनी मीठी -प्यारी बातों से !!"

मुस्कान तुम्हारी



झील सी आँखे तुम्हारी ,
देखूं अपनी परछाई उनमे !
प्यारी सी बातें हैं तुम्हारी ,
सुनूँ अपना नाम उनमे !
मोहक हैं अदाए तुम्हारी ,
 अपनापा भूले उनमे !
मधुर मुस्कान है तुम्हारी ,
दुख भूले स्वयं उनमे !!

थाम लेना






जब भी मन मेरा उदास ,
         तुम मुस्कुरा देना !
जब भी मैं होऊं निराश ,
        तुम प्यार से छू देना !
जब होना चाहूँ तुमसे दूर ,
        अपने हाथों से थाम लेना !!







हो जाये उदासी मेरी दूर ,
     जब तुम मुस्कुरा देती हो !
आ जाता है दिल में प्यार ,
     जब तुम मेरे साथ होती हो !!

तुम्हारा नाम







प्रिये मैंने लिखा जब -
तुम्हारा नाम आकाश पर !
पर बहा ले गए उसे -
बेदर्द बादल अपने साथ !
फिर मैंने लिखा जब -
तुम्हारा नाम सागर की रेत पर !
पर निर्दई लहरें आईं-
और मिटा कर चलीं गईं !
और मैंने लिखा जब -
नाम तुम्हारा अपने दिल पर !
कोई कुछ नहीं पाया -
हैं हमेशा सुरक्षित मेरे दिल में !!